Caricamento
AA
author
Ashfaq Ahmad
कुछ हुनर लोगों में ऐसे होते हैं जिनके बारे में सामान्य तौर पर कहा जाता है कि वे गाॅड गिफ्टेड हैं। अब गाॅड होता है और गिफ्ट करता है, यह तो पता नहीं लेकिन हाँ ऐसे हुनर देखे बहुत हैं लोगों में.. खुद म...visualizza altroकुछ हुनर लोगों में ऐसे होते हैं जिनके बारे में सामान्य तौर पर कहा जाता है कि वे गाॅड गिफ्टेड हैं। अब गाॅड होता है और गिफ्ट करता है, यह तो पता नहीं लेकिन हाँ ऐसे हुनर देखे बहुत हैं लोगों में.. खुद मैं भी इसका एक जीता जागता सबूत हूँ।मुझे नहीं पता कैसे और कब मेरे अंदर इतनी कल्पनाशीलता भर गयी कि मैं कहानियों का सृजन करने लगा लेकिन इतना याद है कि जब छठे क्लास में था तब पहली बार पिछले कोर्स की कापियों के पन्ने जोड़ कर एक काॅपी बनाई थी और उसपे एक कहानी लिखी थी। हाँ जाहिर है कि तब लिखने का सही तरीका नहीं पता था तो कहानी में त्रुटियों का अंबार था लेकिन यही क्या कम था कि इतनी छोटी उम्र में मैंने कहानी लिखी।फिर उम्र का वह दौर जहाँ साथ के बच्चे खेलने कूदने और फ्लर्टिंग में लगे रहते थे, वहीँ मेरा सारा वक्त या पढ़ने में लगता था या लिखने में। उन दिनों लाईब्रेरी का चलन हुआ करता था और हमारे इलाके की जो लाईब्रेरी थी, उसमें एक भी ऐसी किताब/काॅमिक्स/मैग्जीन न थी जो मेरी नजर से बच पाती हो। साथ ही लिखना भी उसी अनुपात में जारी था। ढेरों नाॅवल्स/लघु कथायें/फिल्म स्क्रिप्ट्स/गाने वगैरह लिख डाले थे लेकिन फिर जिंदगी की जद्दोजहद में ऐसा उलझ गया कि वह सब मंजरे आम पर न आ सका।लेकिन अब उन उलझनों से पार पा चुका हूँ और अब लेखन की दुनिया में बाकायदा तौर पर पैर जमाने के लिये तैयार हूँ। मुझे बाकी चीजें काम चलाऊ ही आती हैं लेकिन लिखना.. यही मेरी जिंदगी है। मैं शायद लिखने के लिये ही पैदा हुआ हूँ।visualizza meno
Ashfaq Ahmad non ha ancora titoli disponibili.